कोपेनहेगन.नोबल पुरस्कारों के इतिहास में 8वीं बार इस साल किसी विजेता को साहित्य का नोबल नहीं दिया जाएगा। ऐसा 70 साल के बाद हो रहा है। दरअसल, विजेता का चुनाव करने वाली स्वीडिश एकेडमी की एक ज्यूरी मेंबर कटरीना फ्रोस्टेनसन के पति अरनॉल्ट पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। इसीलिए इस बार विजेता का चुनाव नहीं हो पाया है। शुक्रवार को स्टॉकहोल्म में हुई एक मीटिंग में फैसला लिया गया कि 2018 का नोबल पुरस्कार 2019 में दिया जाएगा।
संस्था की छवि हुई खराब
- संस्था ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब संस्थान की छवि खराब हुई और इस पर जनता का भरोसा कमजोर हुआ है।
18 महिलाओं ने लगाए शोषण के आरोप
- फ्रेंच फोटोग्राफर जीन क्लाउड अरनॉल्ट पर सोशल मीडिया पर चलाए गए कैंपेन #मीटू के तहत नवंबर, 2017 में 18 महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। अरनॉल्ट की पत्नी कवयित्री और लेखिका कटरीना फ्रोस्टेनसन इस एकेडमी की मेंबर रही हैं। हालांकि अरनॉल्ट इन आरोपों से खारिज कर चुके हैं।
एकेडमी ने कटरीना से रिश्ते खत्म किए
- पति पर आरोपों के चलते फ्रोस्टेनसन को 18 सदस्यीय कमेटी से निकालने को लेकर वोटिंग की गई। स्थायी सदस्य सारा डेनिअस ने बताया कि एकेडमी ने कथित आरोपों के बाद मेंबर और उनके पति से रिश्ते खत्म कर लिए हैं। वहीं, डेनिअस समेत अब तक एकेडमी के 6 मेंबर इस्तीफा दे चुके हैं।
अब तक 7 बार नहीं दिया जा सका पुरस्कार
- बता दें कि स्वीडिश एकेडमी की शुरूआत 1786 में हुई थी। अब तक केवल 7 बार ही ऐसा हुआ है जब एकेडमी साहित्य के नोबल पर फैसला नहीं ले पाई है।
- एकेडमी के मुताबिक, इससे पहले 1915, 1919, 1925, 1926, 1927, 1936 और 1949 में भी अन्य कारणों से पुरस्कार नहीं दिया गया। 5 बार ऐसा हुआ है कि तय समय के बाद पुरस्कार बांटे गए।
[ad_2]
Source link
ConversionConversion EmoticonEmoticon